मेरी सभी प्यारी महिलाएं आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि आखिर 100 साल के बाद में करवा चौथ के दिन ऐसा कौन सा महासंयोग (Karwa Chauth Mahasanyog) बना है जिसकी वजह से यह 1 नवंबर बेहद ही खास है। करवा चौथ का व्रत क्यों मनाया जाता है और कब से इसकी मान्यता है। आज हम आपको इस आर्टिकल से बताने जा रहे हैं। करवा चौथ का व्रत सभी सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास व्रत होता है तो आईए जानते हैं कि करवा चौथ के दिन ऐसा कौन सा महासंयोग बना है जो विवाहित जीवन में खुशियां लेकर आएगा और हमारी सभी मनोकामनाओं को पूरी करेगा।
100 साल बाद कौनसा Karwa Chauth Mahasanyog बन रहा है?
100 साल के बाद में बना है ऐसा (Karwa Chauth Mahasanyog) जो लेकर आने वाला है सुहागिन महिलाओं के लिए बदलाव। इस दिन सभी महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती है। यह व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही खास होता है ।इस दिन सभी महिलाएं चांद देखने के बाद ही अपने व्रत को पूरा करती है ।इस दिन सभी महिलाएं पूजा भी करती हैं कहां जाता है कि इस व्रत को रखने से विवाहित जीवन में भी खुशियां बनी रहती है। यह व्रत कार्तिक मास की शुक्ला पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस साल चतुर्थी की तिथि 31 अक्टूबर रात 10:45 से शुरू हो जाएगी इसका समापन अगले दिन यानी की 1 नवंबर की रात 9 बजकर 20 मिनट पर हो जाएगा इसके अनुसार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा चंद्रमा के निकलने का समय 8:15 पर है ।इस दिन पूजा का समय 5:36 से 6:54 तक रहेगा और लाभ चौघड़िया का समय 7:34 से 9:13 तक रहेगा उसके बाद आप अपने चांद को देखकर व्रत खोल सकती हैं ।लेकिन हम आपको यह बता दें कि इस बार का जो करवा चौथ (Karwa Chauth Mahasanyog) है वह सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही खास है ।क्योंकि इस दिन 100 साल के बाद चंद्रमा में बुध और मंगल एक साथ विराजमान है। इसकी वजह से करवा चौथ के दिन बुध आदित्य का योग बन रहा है ।इस दिन शिव योग भी बन रहा है ।इसलिए इस दिन का करवा चौथ बहुत ही खास होने वाला है जो भी महिलाएं इस दिन करवा चौथ का व्रत रखेंगे और चंद्रमा को आरख देंगे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी इस दिन मानता है। कि भगवान शिव और मां गौरी के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है ।इस दिन हमें गणेश जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ये है Karwa Chauth Mahasanyog से जुडी मान्यता
अब हम आपको यह बताने जा रहे हैं ।की पवित्र व्रत की शुरुआत कब और कैसे हुई करवा चौथ व्रत की कथा महाभारत से जुड़ी हुई है। जब पांडवों के जीवन पर घोर संकट था तब भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी जी को इस व्रत को रखने की सलाह दी थी और भगवान श्री कृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने पूरे मन से इस व्रत को रखा और इस व्रत की पूजा की इस व्रत को रखने से पांडवों के सभी कष्ट दूर हो गए।
एक कथा यह भी सुनी गई है। कि एक बार देवताओं और असुरों के बीच में महासंग्राम शुरू हो गया ।युद्ध में सभी देवताओं को संकट में देखकर उनकी सभी महिलाएं डरने लगी। उसके बाद सभी महिलाएं ब्रह्म देवता के पास में पहुंचे ।तब ब्रह्मा देवड़ा ने भी उन सभी महिलाओं को करवा चौथ व्रत रखने के लिए कहा उसके बाद सभी महिलाओं ने कृष्ण पक्ष की शुक्ल चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा। और करवा माता ने सभी देवताओं की रक्षा की और युद्ध में विजय प्राप्त हुई कहते हैं ।कि तभी से करवा चौथ माता का व्रत करने लगे।