भारत के लौह पुरुष कहलाएं जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143 वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘statue of unity’ का 31 अक्टूबर को अनावरण किया। अपनी ऊंचाई के कारण यह प्रतिमा अब दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू बन गई है। इससे पहले ये खिताब चीन के स्प्रिंग टेंपल में स्थापित 153 मीटर की बुद्ध की मूर्ति के नाम था। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्टैच्यू को न सिर्फ देश के गौरव से जोड़कर देखा जा रहा है बल्कि इसे पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है,
वज़न-
1700 टन है वजन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है। स्टेच्यू में सरदार वल्लभ भाई के पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट।
पद्म भूषण से सम्मानित मूर्तिकार ने बनाई ये मूर्ति-
statue of unity का निर्माण 92 वर्षीय राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है। देश-विदेश में अपनी शिल्पकला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके हैं। इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है।
समय अंतराल –
statue of unity 33 माह में बनकर हो गई तैयार हुई है। 182 मीटर ऊंचे ‘statue of unity’ को बनाने वाली कंपनी का दावा किया कि statue of unity विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के Record में कम समय में बनकर तैयार हुई है। और spring temple के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में 11 साल का वक्त लगा था।
खर्चा –
statue of unity को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया। कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
चीन मैं स्थित spring temple की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का record था। मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है। आप जानकर हैरानी होगी कि 182 मीटर ऊंचे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अमेरिका की 93 मीटर ऊंचे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची मूर्ति है।
ताजमहल से 7 गुना महंगी टिकट-
पर्यटन के लिहाज से इस विशालकाय मूर्ति को Revenue का बड़ा स्त्रोत माना जा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने के वजह कि देश-विदेश से लोग इसे देखने आएंगे। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। जहां दुनिया की खूबसूरत इमारतों में से एक ताज महल के लिए आम लोगों को 50 रुपये देने पड़ते हैं तो वहीं सरदार पटेल को देखने के लिए 350 रुपए देने पड़ेंगे।