आज हम बात करते है की कैसे हमारी होसला अफजाई हमारे बच्चो में नयी उम्मीद पैदा करती है। कोई भी काम सीखते समय ज़रा-सी असफलता बच्चों को हताश और निराश कर देती है। उनका confidence कमज़ोर पड़ने लगता है. आपकी थोड़ी-सी हौसला अफ़ज़ाई बच्चो के आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकती है। कई बार हम हमारे बच्चों का होसला बढ़ाने के बजाय किसी ओर से compare करने लगते है और अपने बच्चो को निचा दिखने लगते है। परन्तु ऐसा करने से बच्चो में कोमल मन में यह बाते पूरी तरह से बेठ जाती है। लेकिन, बच्चो के लालन-पालन में आपको संयम और समझदारी तो दिखानी ही होगी। आइये जानते है की कैसे बढ़ाया जाए बच्चों का confidence .
Positive Attitude
जब भी आपके बच्चे के सामने कोई situation आती हे तो उसके confidence को बढ़ाये और उसे बतायें की ये मौका उसे कुछ सिखने के लिए मिला उसे यह एहसास दिलाये की उसे बस अपना अच्छा प्रदर्शन देना है, ये सोच कर के इसका result चाहे कुछ भी हो। उसको बस appreciate करते रहे और उसके साथ positive attitude के साथ बात करे और उसे हर परिस्थिति में खुश रहने की सीख दें।
कोशिश की सराहना करें
बच्चा जब भी कोई नया काम करें तो उसकी सराहना करें। उसे बताएं कि उसने कितनी मेहनत और dedication के साथ अपना काम complete किया है। अगर school में उसने कुछ अच्छा काम किया है तो उसकी खूब तारीफ़ करें।अपने friends और family को इसके बारे में बताये। साथ ही बच्चे को इस बात का भी एहसास कराए कि अगर वो आगे भी लगन और मेहनत के साथ अपने काम करेगा तो आसानी से अपनी मंज़िल प्राप्त कर लेगा। उसके confidence की सराहना करे। तब वह हर काम को confidence के साथ पूरा करेगा।
ग़लतियों पर डांटे नहीं
अगर बच्चे से नया काम सीखते समय से कोई ग़लती हो जाए तो उसे बिल्कुल भी डांटे नहीं।ग़लती होने की वजह से अगर बच्चा nerves होने लगे या डर जाये और रोने लगे तो उसे डांटे नही प्यार से समझाएं और उसको यह अहसास दिलाये की गलती तो सब से होती रहती है। इसलिए nerves होने की बजाए उसे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि अगली बार ग़लती न हो और वह अपना काम अच्छे से करना सीख जाये ।
उसके साथ वक़्त बिताएं
जैसा की हम सभी जानते है कि parents का साथ बच्चों को ख़ुशमिज़ाज तो बनाता ही है, उनका confidence भी बढ़ाता है। इसलिए उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा time spend करे । छुट्टी वाले दिन उनके साथ खेलें, साथ में movie देखने जाएं, अपने बचपन की बातें उनके साथ share करें। बच्चा जिसे भी अपना Role model मानता हो उसके जीवन के संघर्षों और उसके व्यक्तित्व की ख़ूबियों से उसे रूबरू कराएं। बताएं कि कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर अपनी मंज़िल हासिल की है।
हौसला बढ़ाये
अगर आपका बच्चा किसी competition में participate कर रहा हो तो उसका होसला बढ़ाए उसके मन से सारा डर खत्म कर दे और पहले से कोई problem हो जाने पर उसे कैसे manage करना हे इसके बारे में भी बताये। जिससे वो हर problem को सुलझा सके ।