सवाल
मैं 27 साल की हूँ और मैं पहली बार प्रेगनेंट हुई हूँ । कृपया मुझे बताएं कि प्रेगनेंट महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
जवाब
pregnant होना हर महिला की ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख़ुशी होती है। हर महिला चाहती है की वो भी माँ बने। मगर pregnancy के दौरान कुछ सावधानियां भी बरतनी होती है। आजकल की महिला को घर ,बाहर ,office और भी कई ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती है। थोड़ी सी सावधानी बरतने पर मां और शिशु दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं।
पौष्टिक आहार लेना जरूरी-
आप मां बनने वाली हैं, तो यह जरूरी है कि आप पौष्टिक आहार लें। इस से आप को अपने और अपने गर्भ में पल रहे शिशु के लिए सभी जरूरी पोषक तत्त्व मिल जाएंगे। इन दिनों आप को अधिक विटामिन और खनिज, फौलिक ऐसिड और आयरन की जरूरत होती है।
गर्भावस्था के दौरान कैलोरी की भी कुछ अधिक जरूरत होती है। सही आहार का मतलब है कि आप क्या खा रही हैं, न कि यह कि कितना खा रही हैं। जंक फूड का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि इस में केवल कैलोरी ज्यादा होती है बाकी पोषक तत्त्व कम या कह लें न के बराबर होते हैं।
पेयपदार्थ लेना ज़रूरी –
पानी खूब पिए और ताजे फलों के जूस का खूब सेवन करें। उबला या फिल्टर किया पानी ही पीएं। घर से बाहर जाते समय पानी साथ ले जाएं। pack जूस का सेवन कम करें, क्योंकि इन में बहुत अधिक चीनी होती है।
वसा और तेल –
घी, मक्खन, नारियल के दूध और तेल में संतृप्त वसा की ज्यादा मात्रा होती है, जो ज्यादा फायदेमंद नहीं होती। वनस्पति घी में वसा अधिक होती है।
समुद्री नमक या आयोडीन युक्त नमक के साथ-साथ डेयरी उत्पाद आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। अपने गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन शामिल करें।
गर्भावस्था से पहले आप का वजन कितना था और अब आप के गर्भ में कितने शिशु पल रहे हैं, उस हिसाब से अब आप को कितनी कैलोरी की जरूरत है, यह डाक्टर बता सकती हैं।
इन बातों को ख़्याल रखें –
सब से पहले तो किसी भी हालात में शरीर में पानी की कमी न होने दें। अगर आप विमान से सफर कर रही हैं तो नमी का स्तर कम होने के कारण डीहाईडे्रशन की संभावना रहती है। पैर फैलाने के लिए पर्याप्त जगह वाली सीट लें। रैस्टरूम सीट के करीब हो।
अगर आप कार द्वारा लंबी दूरी का सफर तय कर रही हैं, तो सीट बैल्ट पेट के नीचे बांधें। कार की अगली सीट पर बैठें और स्वच्छ हवा के लिए खिड़की खुली रखें. ब्लडप्रैशर सामान्य रखने, ऐंठन और सूजन से बचने के लिए पैरों को फैलाती और मूवमैंट में रखें।
गर्भावस्था के 14 से 28 सप्ताहों के बीच ही यात्रा करें.
सफर के दौरान डाक्टर के निर्देशों का पालन करते हुए दवा साथ रखें। डाक्टर के पेपर्स और उन का फोन नंबर हमेशा साथ रखें ताकि आपातकाल में उस का उपयोग कर पाएं।
सफर में ज्यादा भागदौड़ न करें, क्योंकि आप जितनी अशांत रहेंगी, आप के बीमार होने की आशंका उतनी ही अधिक होगी।
नशीले पदार्थों से दूर रहें-
गर्भावस्था में महिलाएं नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें। साथ ही उन दवाओं से भी परहेज करें, जिन में ड्रग्स की मात्रा अधिक हो। यदि इस अवस्था में महिला शराब, सिगरेट, तंबाकू, पान, बीड़ी या गुटका का सेवन करती है तो इस का गर्भ में पल रहे शिशु पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उस में शारीरिक दोष, सीखने की अक्षमता और भावनात्मक समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
गर्भावस्था के शुरू के 10 हफ्तों के बाद शिशु के शरीर का विकास तेजी से होने लगता है और इस में नशीले पदार्थों के सेवन का असर इतना खतरनाक पड़ता है कि उस के नर्वस सिस्टम के साथ आंखें भी खराब हो सकती हैं। इस के अलावा बच्चा abnormal पैदा हो सकता है। इस बात का खास ध्यान रखें।